बड़ी जलन होती है ..
........बड़ी जलन होती है..... ये जो चेहरे पे तुम्हारे गुलाब खिले हैं आज तुम नहीं जानती ये सारे रात के चुम्बन हैं मेरे जो धीरे धीरे उग आये हैं ये जुल्फें यूँ बिखरकर जो चूमती हैं तुम्हें आजकल बड़ी जलन होती है ये आईना जिसमें तुम संवारती हो ख़ुद को और मिलाती हो उससे नज़रें बड़ी जलन होती है ये बिंदी जो चिपक कर बैठी है तुम्हारे माथे से तुम बाँध लो इन जुल्फों को न ही लगाना बिंदी कोई तुम्हें यूँ छुए तो पागल हो जाऊँ मैं तुम वो बड़ा वाला झुमका भी न पहनना जो लटककर कान में हिलकर चूमता है तुम्हारे गाल बड़ी जलन होती है सच में बड़ी जलन होती है इस हवा से भी जो छू के गुज़रती है तुम्हारी देह लगता है उन बारिश की बूँदों पर भी कर दूँ मुक़दमा जो तुम्हें अक्सर भिगो देती हैं बड़ी जलन होती है गाँव के मेले में गाँव के वो निठल्ले लड़के जब एकटक निहारते हैं तुम्हें बड़ी जलन होती है तुम्हारे साथ हरदम चलती है तुम्हारी परछाईं मुझसे ज्यादा रहती करीब तुम्हारे बड़ी जलन होती है........ इसे मैं पहले भी कुछ को सेंड किया था लेकिन केवलएक या दो ही पंक्तिया आज पूरा देख ही लीजिये जिसको जो लिखना है लिख दो ...बाकि आप वॉलपेपर के साथ पढ़कर ही